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ओलम्पिक क्वालीफिकेशन लिए अचिंता शेउली को देंगे चुनौती खेलपथ संवाद नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिननुंगा और अचिंता शेउली पेरिस ओलंपिक के लिए दांव पर लगे 73 किग्रा भारवर्ग के एकमात्र स्थान के लिए एक-दूसरे के सामने कड़ी चुनौती पेश करेंगे। दरअसल मिजोरम के भारोत्तोलक जेरेमी का 67 किलो भारवर्ग 2024 ओलम्पिक खेलों की सूची में शामिल नहीं है। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने पेरिस ओलंपिक से 67 किग्रा वजन वर्ग को हटा दिया है, जिसमें जेरेमी ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। अब यह भारोत्तोलक 73 भारवर्ग में प्रतिस्पर्धा करेगा। अचिंता शेउली ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालिफिकेशन स्थान पक्का करने के लिए अब दोनों के बीच कड़ी टक्कर होगी, क्योंकि एक वजन वर्ग में प्रत्येक देश से एक ही भारोत्तोलक को अनुमति दी जा सकती है। जेरेमी इस समय साढ़े तीन हफ्ते के लिए अमेरिका के सेंट लुई में स्ट्रेंथ एवं कंडिशनिंग ट्रेनिंग शिविर में हैं। उन्होंने कहा, मैं अपना वजन 73 किग्रा तक बढ़ाऊंगा। उन्होंने कहा, मेरा सामान्य वजन 65 किग्रा है। इसलिए अपने शरीर का वजन बढ़ाना मुश्किल होगा। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब जेरेमी को वजन बढ़ाना पड़ेगा। 19 साल के इस भारोत्तोलक ने ब्यूनर्स आयर्स में 62 किग्रा वर्ग में 2018 युवा ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद वह आईडब्ल्यूएफ द्वारा तब लाए गए नए ओलम्पिक वजन वर्ग में हिस्सा लेने के लिए 67 किलोग्राम में खेलने लगे। उन्हें पिछले दो वर्षों में वजन बढ़ाने में काफी मुश्किल हुई है। उन्होंने कहा, मेरा वजन बढ़ नहीं रहा है। मैं 2019 से वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं कि इसे 70 किलोग्राम तक पहुंचा लूं। मेरी खुराक और सप्लीमेंट बदल जाएंगे। ट्रेनिंग भी थोड़ी अलग होगी। उन्होंने कहा, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप में 67 किलोग्राम वर्ग शामिल है, लेकिन लक्ष्य पेरिस ओलम्पिक है। कोच बोले- बढ़ेगी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा मुख्य कोच विजय शर्मा ने कहा, दोनों भारोत्तोलक एक-दूसरे को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगे। शर्मा ने कहा, यह अच्छा है कि जेरेमी और अचिंता एक ही वजन वर्ग में होंगे। दोनों भारोत्तोलकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी, वरना वे चीजों को हल्के में ले सकते थे।