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कहा- विपक्षी कठिन लेकिन मैं भी हूं तैयार खेलपथ संवाद नई दिल्ली। एक राज्यस्तरीय तैराक ने साइकिलिंग को देखा और फिर उस खेल से प्यार कर बैठा। उसके बाद उस एथलीट ने अपना सबकुछ इस खेल को दे दिया। अब वह खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में करेगा। हम बात कर रहे हैं भारत के युवा साइकिलिस्ट रोनाल्डो लाईतोंजम सिंह की। 20 साल का यह खिलाड़ी भारत में अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध खेल में पदक लाकर देश का नाम रोशन करना चाहता है। रोनाल्डो की हाइट 6.1 फुट है और इसका उन्हें साइकिलिंग में जमकर फायदा मिलता है। उन्होंने 2019 में 17 साल की उम्र में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में आयोजित जूनियर विश्व चैंपियनशिप में टीम स्प्रिंट में स्वर्ण पदक जीता और जूनियर विश्व चैंपियन बन गए। 2019 में एशिया कप ट्रैक चैंपियनशिप में 200 मीटर टाइम ट्रायल स्प्रिंट के क्वालिफाइंग राउंड में सर्फ 10.065 सेकेंड का समय निकालकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद 2022 एशियाई ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप में रोनाल्डो ने कुल तीन पदक जीते। रोनाल्डो ने स्प्रिंट इवेंट में रजत पदक, एक किलोमीटर टाइम ट्रायल और टीम स्प्रिंट में एक-एक कांस्य पदक जीते। भारत के किसी खिलाड़ी ने पहली बार इस टूर्नामेंट में रजत पदक अपने नाम किया। वह एक चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाले देश के पहले साइकिलिस्ट बने। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आपकी तैयारी कैसी है? रोनाल्डो: अभी तक तो हमारी तैयारी अच्छी है। एशियन चैंपियनशिप में हमारा प्रदर्शन अच्छा था। राष्ट्रमंडल खेलों में हमारे विपक्षी कठिन हैं। इसके बावजूद हम अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। हम पदक जीतने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। इंग्लैंड जैसे मजबूत देशों का ओलंपिक या राष्ट्रमंडल खेलों में प्रदर्शन बेहतरीन होता है। किस तरह विपक्षी टीम का सामना करेंगे क्या उसके लिए क्या कोई स्पेशल ट्रेनिंग ली है? रोनाल्डो: फिलहाल जो हम लोगों का शेड्यूल है उसी के अनुसार हम तैयारी कर रहे हैं। उस शेड्यूल को कोच बनाते हैं। हम बाहर ट्रेनिंग करते हैं। यह अनुराग ठाकुर सर ने भी बताया है। बड़े राइडर के साथ हर वीकेंड पर तैयारी का मौका मिल जाता है। इससे हमें काफी फायदा मिलता है। रेसलिंग, शूटिंग जैसे खेल भारत में प्रचलित हैं। ऐसे खेलों के रहते हुए साइकिलिंग को चुनना कितना कठिन है? खुद का मनोबल कैसे बढ़ाते हैं? रोनाल्डो: एक चमत्कार हुआ था और मैंने साइकिल को चुन लिया था। दरअसल, मैं पहले तैराक था। मैं राज्य स्तर तक तैराकी में भाग ले चुका हूं। मुझे स्पोर्ट्समैन बनना था। साई का एक टैलेंट हंट हुआ था। उसके बाद मैं साई के साथ जुड़ गया। उसके बाद मैंने एक राइडर को देखा। उसकी स्पीड को देखकर मुझे प्यार हो गया। फिर मैंने साइकिलिंग को चुन लिया। जिस तरह का यह खेल है, इसमें बहुत ज्यादा उम्मीदें हमसे की नहीं जाती हैं, तो आपका इस बार लक्ष्य क्या है? रोनाल्डो: इस बार हमारा लक्ष्य पदक लाना है। जिस तरह की हमारी तैयारी है उससे पदक आने की संभावना है। साइकिलिंग को हम भारत में प्रसिद्ध करना चाहते हैं। हम ओलंपिक में भी भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं और वहां भी बेहतर प्रदर्शन कर जीतने की कोशिश करेंगे। हाल के विवाद ने आपको कितना प्रभावित किया? रोनाल्डो: हम विवादों को भूल चूके हैं। बीती बातों को छोड़कर हम आगे बढ़ गए हैं।