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अम्पायर की गलती से हार गई थी भारतीय शटलर नई दिल्ली। बैडमिंटन एशिया (बीएसी) तकनीकी समिति के अध्यक्ष चिह शेन चेन ने दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधु से अप्रैल में बैडमिंटन एशिया चैम्पियनशिप के महिला एकल सेमीफाइनल मैच के दौरान रेफरी द्वारा की गई ‘मानवीय गलती’ के लिए माफी मांगी है। अधिकारी ने सिंधु को लिखे पत्र में कहा, ‘दुर्भाग्य से,अब सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। हमने हालांकि, इस मानवीय त्रुटि की पुनरावृत्ति से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। आपको हुई असुविधा के लिए हम ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं। हमारा मानना है कि यह खेल का हिस्सा है और इसे इसी रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।’ यह घटना तब हुई थी जब सिंधु पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में 14-11 से आगे चल रही थी। इसके बाद अंपायर ने अधिक समय का ‘ब्रेक’ लेने के आरोप में सजा के तौर पर विरोधी खिलाड़ी को एक अतिरिक्त अंक दे दिया। सिंधु ने इसके बाद अपनी लय गंवा दी और तीन गेम तक चले मुकाबले को 21-13 19-21 16-21 से हार गईं। चेयर अंपायर द्वारा यामागुची को शटल सौंपने के लिए कहने के बाद भारतीय खिलाड़ी को मुख्य रेफरी के साथ बातचीत करते देखा गया था लेकिन किसी ने उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी। सिंधु विश्व बैडमिंटन महासंघ ((बीडब्ल्यूएफ) एथलीट आयोग की सदस्य हैं। उन्होंने इस फैसले का विरोध करते हुए तुरंत विश्व निकाय और एशिया बैडमिंटन परिसंघ को एक पत्र लिखा था। हार के बाद रोने लगी थीं सिंधु जापान की अकाने यामागुची के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के बीच में अम्पायरों के ‘अनुचित’ फैसले के बाद सिंधु की आंखों में आंसू आ गए थे। इस फैसले के बाद सिंधु की लय गड़बड़ा गई और उन्हें हार का सामना करने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। सिंधु ने उस समय कहा था, ‘ अंपायर ने मुझसे कहा था कि आप बहुत समय ले रहे हैं लेकिन प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी उस समय तैयार नहीं थी। लेकिन अम्पायर ने अचानक उसे अंक दे दिया और यह वास्तव में अनुचित था। मुझे लगता है कि उस मैच में मेरी हार का एक कारण यह भी था।’ सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने कहा, ‘ मुझे खुशी है कि उन्होंने गलती स्वीकार कर ली। मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि अगर ऐसी स्थिति फिर से पैदा होती है, तो रेफरी को कुछ समय लेना चाहिए और वीडियो रिकॉर्डिंग देखने के बाद उचित निर्णय लेना चाहिए।’