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मयंक की टीम का मिडिल ऑर्डर पूरी तरह फ्लॉप खेलपथ संवाद मुम्बई। आईपीएल 2022 के 64वें मैच में दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) ने पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) को 17 रन से हरा दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए दिल्ली ने 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 159 का स्कोर बनाया। जवाब में पंजाब की टीम 20 ओवर में नौ विकेट गंवाकर 142 रन ही बना सकी। पंजाब का मिडिल ऑर्डर इस मैच में पूरी तरह फेल रहा। जब से पंजाब के टीम मैनेजमेंट ने मयंक को ओपनिंग की जगह चौथे या पांचवें नंबर पर भेजने का फैसला लिया है, तब से वह बिल्कुल भी फॉर्म में नहीं दिखे हैं। पिछले तीन मैचों में वह 15 रन, 19 रन और शून्य बना सके हैं। इस पूरे सीजन मयंक का फॉर्म कुछ खास नहीं रहा है। वह 12 मैचों की 11 पारियों में 17.73 की औसत से 195 रन बना सके हैं। इसमें एक अर्धशतक है। पंजाब की टीम डेविड वॉर्नर को शून्य पर आउट करने के बावजूद नहीं जीत सकी। वहीं, मिशेल मार्श के अर्धशतक और लॉर्ड शार्दुल ठाकुर के चार विकेट ने पंजाब से जीत छीन लिया। जितेश शर्मा की 44 रन की पारी भी पंजाब के काम नहीं आ सकी। 1. वॉर्नर का शून्य पर आउट होना: पिछले कुछ मैचों में दिल्ली को वॉर्नर की शानदार बल्लेबाजी ने बड़े स्कोर तक पहुंचाया था। हालांकि, पंजाब के खिलाफ वह मैच की पहली ही गेंद पर आउट हो गए। उनके आउट होने से दिल्ली की टीम मुश्किल में पड़ गई थी। 2. सरफराज-मार्श की साझेदारी: इस मैच में केएस भरत की जगह खेलने उतरे सरफराज खान ने मिशेल मार्श के साथ मिलकर आक्रामक 51 रन की साझेदारी निभाई। दोनों ने 4.5 ओवर में ही 51 रन जोड़ लिए थे। सरफराज ने 16 गेंदों पर 32 रन बनाए। इसमें पांच चौके और एक छक्का शामिल है। 3. लिविंगस्टोन-अर्शदीप ने तीन विकेट झटके: पंजाब के लियाम लिविंगस्टोन ने मैच में गजब की गेंदबाजी की। वॉर्नर को पहली गेंद पर पवेलियन भेजने के अलावा उन्होंने दो और विकेट झटके। लिविंगस्टोन ने ऋषभ पंत और रोवमन पॉवेल जैसे महत्वपूर्ण विकेट झटके। इसके अलावा अर्शदीप सिंह ने भी सरफराज, ललित यादव और शार्दुछ ठाकुर जैसे खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा। ऐसा लग रहा था दिल्ली की टीम 150 रन भी नहीं बना पाएगी। 4. मिशेल मार्श का अर्धशतक: मिशेल मार्श ने बेहतरीन अर्धशतक लगाया। उन्होंने 48 गेंदों पर 63 रन की पारी खेली और दिल्ली को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। मार्श ने आखिरी में कुछ बड़े शॉट लगाए और दिल्ली को 150 के स्कोर तक पहुंचाया। मार्श ने अपनी पारी में चार चौके और तीन छक्के लगाए। 5. शार्दुल ठाकुर ने एक ओवर में झटके दो विकेट: शार्दुल ठाकुर ने दिल्ली के लिए शुरुआती छह ओवर में गेंदबाजी की और इसी दौरान उन्होंने पंजाब को कुछ महत्वपूर्ण झटके दिए। पावरप्ले के आखिरी ओवर यानी छठे ओवर में ठाकुर ने दो विकेट झटके। इस ओवर की चौथी गेंद पर ठाकुर ने सबसे पहले भानुका राजपक्षे (4) को एनरिक नॉर्ट्जे के हाथों कैच करा पंजाब को दूसरा झटका दिया। इसके बाद आखिरी गेंद शिखर धवन को पंत के हाथों कैच करा पंजाब को तीसरा झटका दिया। जॉनी बेयरस्टो 15 गेंदों में 28 रन बनाकर आउट हुए। दिल्ली ने इस सीजन सिर्फ दो बार पावरप्ले में विपक्षी टीम के तीन या इससे ज्यादा विकेट झटके हैं। पिछली बार भी दिल्ली ने ऐसा पंजाब किंग्स के खिलाफ ब्रेबोर्न में किया था। उस मैच में पंजाब ने 47 रन पर तीन विकेट गंवाए थे। वहीं, इस मैच में पंजाब ने 54 रन बनाकर तीन विकेट गंवाए। 6. मयंक अग्रवाल का शून्य पर आउट होना: पंजाब के कप्तान मयंक अग्रवाल इस सीजन खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। दिल्ली के खिलाफ मैच में उन्हें अक्षर पटेल ने क्लीन बोल्ड किया। उनका आउट होना पंजाब की टीम के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि इसके बाद ज्यादा खिलाड़ी बचे नहीं थे। मयंक के आउट होने पर कोच अनिल कुंबले भी नाखुश दिखे। 7. कुलदीप का लिविंगस्टोन को पवेलियन भेजना: पिछले कुछ मैचों में पंजाब के मध्यक्रम की जान रहे लियाम लिविंगस्टोन इस मैच में सिर्फ तीन रन बनाकर आउट हुए। उन्हें कुलदीप यादव ने पंत के हाथों स्टंप आउट कराया। लिविंगस्टोन ने दिल्ली की पारी के वक्त पंत को स्टंप आउट कराया था। फिर पंत ने लिविंगस्टोन को स्टंप कर बदला ले लिया। यहां से पंजाब के हाथों से मैच निकल चुका था। दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत बल्ले से तो कुछ कमाल नहीं दिखा सके। वे तीन गेंदों पर सात रन बनाकर आउट हुए। इसमें एक छक्का शामिल है। हालांकि, गेंदबाजी के दौरान पंत ने अपने स्पिनर्स का बखूबी इस्तेमाल किया। यही वजह रही कि अक्षर और कुलदीप दोनों ने दो-दो विकेट झटके। वहीं, पंजाब के कप्तान मयंक तो बिना खाता खोले आउट हुए। बल्लेबाजी के अलावा फील्डिंग के दौरान उनकी फील्ड सेटिंग शानदार रही। वॉर्नर को पहली ही गेंद पर कैच आउट कराया। वहीं, डेथ ओवर्स में भी मयंक ने सही गेंदबाजों को आक्रमण पर लगाया और दिल्ली को बड़ा स्कोर बनाने से रोका। सकारात्मक पक्ष: सरफराज खान ने छोटी मगर उपयोगी पारी खेली। वॉर्नर के आउट होने के बाद सरफराज ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी और पावरप्ले में ही दिल्ली का स्कोर 50 के पार पहुंचा दिया। इसके बाद मिशेल मार्श ने ललित यादव के साथ मिलकर अच्छी साझेदारी की। दोनों ने मिलकर दिल्ली को 100 रन तक पहुंचाया। ललित ने भी 24 रन की उपयोगी पारी खेली। मिशेल मार्श ने लगातार दूसरा अर्धशतक लगाया और दिल्ली को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। गेंदबाजी में शार्दुल ठाकुर ने अपने आईपीएल करियर का सबसे बेहतरीन स्पेल डाला। उन्होंने चार ओवर में 36 रन देकर चार विकेट झटके। इसके अलावा अक्षर और कुलदीप ने भी अच्छी गेंदबाजी की और दो-दो विकेट झटके। एनरिक नॉर्ट्जे ने भले ही एक विकेट लिया हो, लेकिन उन्होंने किफायती गेंदबाजी की और चार ओवर में 29 रन दिए। नकारात्मक पक्ष: पंत लगातार जल्दी आउट हुए हैं और कोई बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे हैं। पंत इस सीजन 13 मैचों की 12 पारियों में 301 रन बना सके हैं, जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं है। रोवमन पॉवेल भी पिछले कुछ मैचों से जल्दी अपना विकेट गंवा रहे हैं। लोअर ऑर्डर में भी दिल्ली के पास कोई ऐसा बल्लेबाज नहीं दिखा, जो बड़े शॉट लगा सके। गेंदबाजी में खलील ने कुछ मैचों में अच्छी गेंदबाजी की थी, लेकिन इस मैच में वह महंगे साबित हुए और चार ओवर में 43 रन लुटाए। सकारात्मक पक्ष: लिविंगस्टोन ने इस मैच में गेंद से अपनी उपयोगिता साबित की। उन्होंने चार ओवर में 27 रन देकर तीन विकेट झटके। इसके अलावा अर्शदीप ने भी तीन विकेट झटके। रबाडा ने भी अच्छी गेंदबाजी की और तीन ओवर में 24 रन देकर एक विकेट निकाला। बल्लेबाजी में जितेश शर्मा ने 44 रन की सूझबूझ वाली पारी खेली। हालांकि, वह टीम को जीत नहीं दिला सके। राहुल चाहर ने भी बल्ले से कमाल दिखाया और 24 गेंदों पर 25 रन बनाकर नाबाद रहे। नकारात्मक पक्ष: गेंदबाजी में हरप्रीत बरार इस सीजन कुछ खास नहीं कर सके हैं। दिल्ली के खिलाफ उन्होंने तीन ओवर में बिना कोई विकेट लिए 29 रन लुटाए। वहीं, ऋषि धवन भी महंगे साबित हुए। उन्होंने दो ओवर में 17 रन लुटाए। राहुल चाहर ने चार ओवर में सिर्फ 19 रन लुटाए, लेकिन वह विकेट लेने में नाकाम रहे। जब टीम का मुख्य स्पिनर ही विकेट नहीं ले पाएगा तो यह परेशानी की बात है। बल्लेबाजी में मयंक और राजपक्षे पिछले कुछ मैचों से फॉर्म में नहीं दिखे हैं। हरप्रीत बरार और ऋषि धवन गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी नाकाम रहे। बरार ने एक रन और ऋषि ने चार रन की पारी खेली।