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11 मुकाबलों में 42 की औसत से 381 रन बनाए मुम्बई। एक वक्त पर शिखर धवन को टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर्स की कैटेगरी में रखा जाता था। हिटमैन रोहित के साथ गब्बर की जोड़ी खूब जमती थी। फिर धीरे -धीरे शिखर टीम इंडिया से साइडलाइन होते चले गए। पहले रेड बॉल क्रिकेट से विदाई के बाद गब्बर को टी-20 वर्ल्ड कप टीम में भी शामिल नहीं किया गया। कई लोगों को लगने लगा कि शायद अब 36 वर्षीय शिखर के लिए टीम इंडिया में वापसी संभव नहीं होगी। इस बीच शिखर धवन को मेगा ऑक्शन से पहले दिल्ली कैपिटल्स ने भी रिटेन करना जरूरी नहीं समझा। तमाम मुश्किल हालात के बीच पंजाब किंग्स के साथ नई शुरुआत करते हुए शिखर धवन इस सीजन अब तक खेले 11 मुकाबलों में 381 रन बना चुके हैं। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 88 रन रहा है। आईसीसी टूर्नामेंट में धवन का बल्ला शिखर पर होता है। पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में टीम को ओपनिंग के दौरान शिखर की काफी कमी महसूस हुई थी। शिखर धवन को टीम इंडिया के सबसे शांत खिलाड़ियों में गिना जाता है। कभी नहीं देखा गया है कि मुकाबले के दौरान वह विरोधी खिलाड़ियों से भिड़ जाएं। हालांकि, बचपन में वे ऐसे बिल्कुल नहीं थे। बचपन में जब शिखर शरारत करते थे तो मां उन्हें कमरे में बंद कर देतीं। शिखर कपड़े की रस्सी बनाकर खिड़की के रास्ते बाहर निकल जाते थे। बाएं हाथ के बल्लेबाज ईशान किशन का प्रदर्शन इस आईपीएल सीजन में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है। बाउंसर खेलने के दौरान ईशान खासे असहज नजर आए हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई बाउंसी विकेट पर वह मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। इसे देखते हुए चयनकर्ता ईशान के ऊपर गब्बर को प्राथमिकता दे सकते हैं। शिखर धवन उन खिलाड़ियों में रहे हैं, जिन्होंने कभी अपनी सफलता का शोर नहीं मचाया। उनके आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो एहसास होता है कि गब्बर ने आईपीएल में खामोशी के साथ साल दर साल अपनी परफॉर्मेंस में सुधार किया है। साल 2016 से लेकर 2021 तक हर सीजन में शिखर ने लगभग 500 रन बनाए हैं। इस मामले में वह टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा से कहीं आगे हैं। शिखर को जब लास्ट टाइम टी-20 वर्ल्ड कप टीम में नहीं चुना गया, तो वह साधारण दर्शक की तरह भारत - पाकिस्तान का मुकाबला देखने के लिए पहुंच गए।
धोनी के साथ ओपनिंग कर चुके हैं धवन शिखर ने विकेटकीपर बैटर के तौर पर खेलना शुरू किया। दमदार प्रदर्शन के बूते पर अंडर-19 वर्ल्ड कप में 505 रन बनाने के बाद गब्बर ने रणजी ट्राफी खेली। इसके बाद उन्हें चैलेंजर टीम में चुन लिया गया। इस दौरान शिखर धवन और महेंद्र सिंह धोनी ने साथ मिलकर ओपनिंग की। सीरीज के दूसरे मैच में शिखर और धोनी ने मिलकर 246 रन जोड़े। दोनों ही बल्लेबाजों ने शानदार शतक लगाया था। इस प्रदर्शन के बूते पर शिखर ने इंडिया ए टीम में जगह बनाई। शिखर मानते हैं कि सपने को कोई जादू सच्चाई में तब्दील नहीं कर सकता। इसके लिए संघर्ष जरूरी है। धवन अपने लिए कभी कोई टारगेट तय नहीं करते टी-20 विश्व कप को लेकर अपने प्लान के बारे में बात करते हुए धवन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'टी-20 विश्व कप आ रहा है। मुझे पता है कि अगर आईपीएल में मैं अच्छा करता हूं तो मैं टीम में जगह बना सकता हूं। मैं पूरी तरह से प्रोसेस में यकीन करने वाला व्यक्ति हूं। मैं टारगेट तय नहीं तय करता। जब तक मैं अपने खेल का मजा ले रहा हूं, यह मेरे लिए सबसे बेहतर तरीके से काम करता है। मैं इसी स्थिति में हूं।' 'इसलिए मैं यह तय करना चाहता हूं कि मेरी तैयारी मजबूत हो और मैं वो सब कुछ अपने आप हासिल कर लूंगा, जो मैं चाहता हूं। शायद मैं कर पाऊं या न कर पाऊं। यह समय बताएगा, लेकिन मैं इन चीजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगा।' आईपीएल 2021 के पहले फेज में शिखर धवन ने कमाल की बल्लेबाजी की थी और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में शामिल थे। इसके बावजूद उन्हें भारत की टी-20 वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली थी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में उन्हें मौका मिला था और वनडे सीरीज में उन्होंने प्रभावित भी किया था, लेकिन श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज में वे नहीं खेले। भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का मानना है कि उनके करियर के प्रत्येक मुश्किल दौर ने उन्हें मजबूत बनाया है। अपने मन की स्पष्टता और शांत स्वभाव के कारण वह इससे पार पा सके। भारतीय वनडे टीम में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी धवन की घरेलू क्रिकेट में खराब फॉर्म को लेकर काफी बातें की गईं, लेकिन उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 19 जनवरी, 2022 को पहले वनडे में 79 रन बनाकर शानदार वापसी की। धवन साफ करते हैं कि वह मीडिया की अपने बारे में बनाई जा रही राय को देखते-सुनते नहीं हैं। उन्हें पता है कि खेल में उतार चढ़ाव आएंगे और यह हर किसी के जीवन का हिस्सा है। वह मानते हैं कि उनके करियर में कुछ भी पहली या आखिरी बार नहीं हो रहा। ऐसा होता रहा है और आगे भी होगा। आलोचना का बल्ले से दिया जवाब धवन ने 2022 के जनवरी में अफ्रीकी दौरे पर जाने से पहले विजय हजारे ट्राफी के पांच मैचों में शून्य, 12, 14, 18 और 12 रन बनाए थे। उनके टीम चयन को लेकर सवाल उठे। तब उन्होंने बड़ी पारी खेलकर आलोचकों का मुंह बंद किया। उन्होंने साउथ अफ्रीका में खेले 4 वनडे मैचों में 44.75 की औसत से 179 रन बनाए। पहले वनडे में 79 रन की पारी खेली। दूसरे में 29 रन और तीसरे मैच में 61 रन और चौथे मैच में 10 रन बनाए। शिखर कहते हैं, 'मुझे टीम से बाहर करने की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन मैं इन पर ध्यान नहीं देता।' वह इतना जानते हैं कि उन्हें बेस्ट परफॉर्म करना है और इसके लिए तैयारी में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़नी है। धवन को अपने अनुभव और आत्मविश्वास पर बहुत भरोसा है। उन्हें एहसास है कि जब तक वह क्रिकेट खेल रहे हैं, तब तक उन्हें फिट रहकर लगातार रन बनाने होंगे। धवन भारत की टी-20 और टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। इस वजह से बीसीसीआई ने केन्द्रीय अनुबंध में भी उन्हें अब सी कैटेगरी में रखा है। इस बारे में धवन का कहना कि वो टी-20 और टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन आईपीएल खेलना एक अच्छा मौका है। उन्हें वहां से अच्छा खासा पैसा मिला रहा है। उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। पिछले 10 सालों में वो कई बार टीम से बाहर होने की कागार पर आए, लेकिन अब वो परिपक्व हो चुके हैं और इन चीजों को अलग तरीके से देखते हैं। वो किसी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करते। अब वो योगदान देने में यकीन करते हैं।