News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
पैडलर विश्वा के अनाथ माता-पिता की करेंगे मदद खेलपथ संवाद नई दिल्ली। टेबल टेनिस स्टॉर अचांता शरथ कमल ने 10वां राष्ट्रीय खिताब जीतने के बाद 2.75 लाख की ईनामी राशि दिवंगत विश्वा के परिवार को दान कर दी है। एक महीने पहले सड़क हादसे में 18 साल के पैडलर विश्वा की मौत हो गई थी। वो 83वीं राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में खेलने जा रहे थे। इसके बाद शरथ ने अपनी जीत विश्वा को समर्पित की थी। अब शरथ ने अपनी ईनामी राशि भी विश्वा के माता-पिता के नाम कर दी है और उन्होंने कहा है कि आगे भी वो विश्वा के परिवार की मदद करने के लिए कोशिश करेंगे। तमिलनाडु के राष्ट्रीय सब जूनियर और कैटेड विजेता पैडलर विश्वा दीनदयालन 83वीं राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए गुवहाटी से टैक्सी के जरिए शिलांग जा रहे थे। रास्ते में 12 पहिए के ट्रेलर ने उनकी टैक्सी को चपेट में ले लिया। टैक्सी ड्राइवर की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि विश्वा को अस्पताल में मृत घोषित किया गया। विश्वा राष्ट्रीय टेबल टेनिस में खेलने के बाद 27 अप्रैल को विश्व टेबल टेनिस यूथ कंटेंडर खेलने के लिए भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रिया जाने वाले थे। देहरादून में जीता था राष्ट्रीय रैंकिंग का खिताब देश के नंबर एक टेबल टेनिस खिलाड़ी और विश्वा के राज्य तमिलनाडु के संबंधित अचिंत्य शरथ कमल ने कुछ ही दिन पहले उन्हें देश की सबसे उभरती टेबल टेनिस प्रतिभा बताया था। चेन्नई के लॉयला कॉलेज में वह बीकॉम के छात्र थे। जनवरी में देहरादून में हुई अंडर-19 राष्ट्रीय रैंकिंग टेबल टेनिस का खिताब भी उन्होंने जीता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्वा दीनदयालन के निधन पर शोक जताया था। टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने विश्वा के निधन पर दुख जताते हुए उनके परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। चेन्नई में शरथ विश्वा के साथ अभ्यास करते थे। उनके निधन के बाद शरथ ने शोक जताया था। अपनी ईनामी राशि दान करने के बाद 39 वर्षीय टेबल टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि वो अपनी तरफ से विश्वा के माता-पिता के लिए जो कर सकते हैं, वो करना चाहते हैं। यह विश्वा दीनदयालन के परिवार के लिए सम्मान जताने का उनका तरीका है। वो जितना कर सकते हैं, उतना ज्यादा विश्वा के परिवार का समर्थन करने की कोशिश करेंगे। लॉकडाउन के दौरान उसके पिता की नौकरी चली गई थी। मैंने कई कोच और खिलाड़ियों से बात की है। कई लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं और मुझे उम्मीद है कि बाकी लोग भी आगे आएंगे।