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स्टेडियम के अभाव में पार्क में करते हैं अभ्यास खेलपथ संवाद चरखी दादरी। इंसान में अगर जज्बा और हौसला हो तो वह बढ़ती उम्र में भी कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है। यह एक बुजुर्ग दम्पति ने यह साबित कर दिखाया है। 70 वर्ष की उम्र में दादा-दादी की फिटनेस देखकर नौजवानों के भी पसीने छूट जाते हैं। इस दम्पति ने बुजुर्गों की खेलकूद प्रतियोगिताओं में स्वर्ण सहित पांच मेडल जीते हैं। अब इनके लिए खेलकूद प्रतियोगिताओं में मेडल जीतना बच्चों के खेल जैसा बन गया है। सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद भी वार्ड-16 निवासी संतरा देवी व उनके पति सुरेंद्र डबास खेल जगत से जुड़े रहे और कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। संतरा देवी की दो बहनें भी रिटायरमेंट के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पदक हासिल कर चुकी हैं। संतरा देवी अपनी तीनों बहनों, बेटों-बहुओं और पोते-पोतियों को भी खेल के गुर सिखा रही हैं। चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की मास्टर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में वार्ड-16 निवासी संतरा देवी ने 3 स्वर्ण पदक जीते हैं। सौ मीटर बाधा दौड़, 300 मीटर बाधा दौड़ में भी गोल्ड जीता वहीं उनके पति सुरेंद्र डबास ने भी चेन्नई दो मेडल जीते हैं। स्टेडियम नहीं होने के चलते संतरा देवी को पार्क या घर में ही प्रैक्टिस करनी पड़ रही है। बुजुर्ग दम्पति ने कहा कि सरकार बुजुर्ग खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं दे रही। अगर उनको प्रोत्साहन मिले तो वे विदेशी धरती पर भी देश का नाम रोशन कर सकते हैं।