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प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के चलते लगा प्रतिबंध टोक्यो ओलम्पिक का फाइनल खेली थी खेलपथ संवाद नई दिल्ली। भारत की स्टार डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर के डोप टेस्ट में फेल होने के बाद उन पर अस्थायी बैन लगाया गया है। अगर वो जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उनके ऊपर चार साल तक का बैन लग सकता है। कमलप्रीत कौर ने टोक्यो ओलम्पिक के फाइनल में जगह बनाई थी और देश को आगामी प्रतियोगिताओं में उनसे पदक की उम्मीद थी। उन्हें ओलम्पिक खिलाड़ियों के विशेष दल में भी शामिल किया गया था और राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में भी वह शामिल थीं। एआईयू ने ट्वीट के जरिए बताया कि डोप टेस्ट के दौरान कमलप्रीत कौर के शरीर के अंदर प्रतिबंधित दवा (स्टैनोजोलोल) पाई गई थी। इसके बाद उन पर अस्थायी बैन लगाया गया है। यह एक तरह का स्टेरॉयड होता है, जिसका सेवन विश्व एथलेटिक्स के नियमों के अनुसार गलत है। विश्व एथलेटिक्स डोपिंग रोधी नियमों के अनुसार सुनवाई होने से पहले आरोपी एथलीट को सभी तरह की प्रतियोगिताओं में भाग लेने से मना कर दिया जाता है और सुनवाई में दोषी पाए जाने पर स्थायी बैन लगाया जाता है। वहीं, सुनवाई में निर्दोष पाए जाने पर खिलाड़ी को सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति दी जाती है। अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कौर का टेस्ट कब हुआ था। हालांकि, विश्व एथलेटिक्स की सूची में कौर का नाम दर्ज है। पिछले साल अचानक ही उनके प्रदर्शन में निखार आया था, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रतिबंधित दवा के सेवन से इंकार किया था। कौर टोक्यो ओलम्पिक में छठे स्थान पर रही थीं। पिछले महीने घुटने की चोट के चलते वो फेडेरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में शामिल नहीं हुई थीं। वहीं, थिरुवनंतपुरम में हुई इंडियन ग्रांप्री में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। उनके नाम 65.06 मीटर तक डिस्कस फेंकने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज है, जो उन्होंने पिछले साल बनाया था।