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भारतीय खिलाड़ियों को मिलेगी बड़ी राहत नई दिल्ली। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच टी20 मैचों की सीरीज नौ जून से 19 जून तक खेली जानी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस सीरीज में बड़ा बदलाव करने जा रही है। बोर्ड घरेलू सीरीज में बायो-बबल को खत्म करने का मन बना रहा है। कोरोना महामारी के दौर में खिलाड़ियों को किसी सीरीज में हिस्सा लेने के लिए बायो-बबल में रहना पड़ता था। यह मानसिक रूप से काफी थकाऊ होता है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच टी20 मैचों की मेजबानी दिल्ली, कटक, विशाखापट्टनम, राजकोट और बेंगलुरु को मिली है। फिलहाल भारतीय खिलाड़ी बायो-बबल में रहकर आईपीएल में खेल रहे हैं। बोर्ड यह नहीं चाहता कि दो महीने लंबे समय तक बायो-बबल में रहने के बाद खिलाड़ी एक और बायो-बबल में शामिल हो। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "अगर सब कुछ ठीक रहा और चीजें अभी की तरह नियंत्रण में रहीं, तो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान कोई बायो-बबल और मुश्किल क्वारंटीन नहीं होगा। फिर हम आयरलैंड और इंग्लैंड जा रहे हैं और उन देशों में भी कोई बायो-बबल नहीं होगा।" बोर्ड इस बात को जानता है कि बायो-बबल में लंबे समय तक खिलाड़ियों को रहना मुश्किल है। एक प्रतिबंधित क्षेत्र में रहने से खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "कुछ खिलाड़ियों को समय-समय पर ब्रेक मिलता है, लेकिन अगर आप बड़ी तस्वीर देखें, तो बायो-बबल में रहकर एक के बाद एक सीरीज में खेलना मुश्किल है। आईपीएल के दो महीने भी खिलाड़ियों के लिए थकाऊ हैं।" ब्रिटेन में किसी भी खेल गतिविधि के लिए अब कोई बायो-बबल नहीं है। ऐसे में वहां भारतीय टीम के लिए खुला वातावरण होने की उम्मीद है। टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी20 मैच खेलेगी। खिलाड़ी बायो-बबल में जरूर नहीं रहेंगे, लेकिन समय-समय पर कोविड टेस्ट जरूर होगा। भारतीय टीम प्रबंधन वर्कलोड को लेकर भी एक योजना बना रहा है। इससे कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा सहित सभी सितारों को ब्रिटेन जाने से पहले पर्याप्त आराम करने का मौका मिलेगा। बोर्ड के अधिकारी ने कहा, "पांच शहरों में 9 से 19 जून के बीच पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच हैं। जाहिर है सभी खिलाड़ी सभी मैच में नहीं खेलेंगे। कुछ को आराम दिया जा सकता है। अगर इन खिलाड़ियों को व्यवस्थित ब्रेक नहीं दिया जाता है तो इससे उन्हें नुकसान होगा। ब्रेक की अवधि मुख्य कोच (राहुल द्रविड़) से बात करने के बाद चयनकर्ताओं द्वारा तय की जाएगी।"