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अखिल भारतीय फुटबॉल संघ के फिर होंगे चुनाव एसवाई कुरैशी बतौर प्रशासक देखेंगे एआईएफएफ का काम खेलपथ संवाद नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को तीसरी बार एआईएफएफ का अध्यक्ष चुना गया था। कोर्ट ने चुनाव को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि चुनाव प्रक्रिया में राष्ट्रीय खेल संहिता के नियमों का पालन नहीं किया गया। आचार संहिता में शर्त है कि किसी खेल संघ का कोई पदाधिकारी एक पद पर चार-चार साल के दो कार्यकाल बिताने के बाद चार साल तक उसी संघ में किसी और पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकता। पटेल 2009 में प्रिय रंजन दासमुंशी की जगह एआईएफएफ के अध्यक्ष बने थे। इससे पहले वह उपाध्यक्ष थे। इसके साथ ही न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी को एआईएफएफ का काम देखने के लिए प्रशासक भी नियुक्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने अब नए सिरे से पांच महीने के अंदर चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट का यह फैसला याचिकाकर्ता वकील राहुल मेहरा की उस याचिका पर आया, जिसमें मेहरा ने आरोप लगाया था कि एआईएफएफ का चुनाव राष्ट्रीय खेल संहिता के नियमों के तहत नहीं हुआ है। एआईएफएफ ने कहा कि चुनाव को रद्द करने के बाद वे आगे का कदम उठाने के लिए विस्तृत आदेश का इंतजार करेंगे। एआईएफएफ ने कहा, 'एआईएफएफ को जानकारी नहीं है कि हाईकोर्ट ने किस वजह से यह आदेश दिया। आदेश की प्रति मिलने के बाद कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे। हमें जानकारी है कि कोर्ट ने उस मामले में आदेश सुनाया है जिसे 12 मई, 2017 को आरक्षित रखा था। एआईएफएफ समझ सकता है कि हाईकोर्ट को कुछ सुधार करने हैं जिसके बाद संबंधित पक्षों को आदेश उपलब्ध कराए जाएंगे। हाईकोर्ट ने एआईएफएफ के संविधान में संशोधन का भी निर्देश दिया है, जिससे कि यह राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत आ सके।'