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मुम्बई। आईपीएल के 15 सीजन के इतिहास में पहली बार कोई खिलाड़ी रिटायर्ड आउट हुआ। आईपीएल 2022 के 20वें मैच में लखनऊ सुपर जाएंट्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के रविचंद्रन अश्विन ने रिटायर्ड आउट होने का फैसला लिया। लीग में पहली बार ऐसा हुआ। अश्विन के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर भी 'रिटायर्ड आउट' शब्द ट्रेंड करने लगा है। इसके बाद वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर इयान बिशप ने ट्वीट करते हुए कहा कि यह एक शानदार टी-20 टैक्टिक्स है। 21वीं शताब्दी में टी-20 फॉर्मेट हमें बता रहा है कि हम गेम को किस अंदाज में सोच सकते हैं और उसे बदल सकते हैं। आइए पहले जानते हैं कि रिटायर्ड आउट होता क्या है... बल्लेबाज को रिटायर्ड आउट तब माना जाता है, जब वह अंपायर और विपक्षी टीम के कप्तान को बिना बताए और बिना उनके रजामंदी के पवेलियन लौट जाता है। आईसीसी के नियम 25.4 में बल्लेबाज को रिटायर होने को लेकर नियम बताए गए हैं। इसके नियम 25.4.1 के मुताबिक, कोई बल्लेबाज गेंद नहीं फेंके जाने की स्थिति में कभी भी रिटायर हो सकता है। खेल शुरू होने से पहले हालांकि, अंपायर को बल्लेबाज के वापस जाने का कारण बताना होता है। इसके बाद ही अगली गेंद फेंकी जाती है। नियम 25.4.2 के मुताबिक, अगर बल्लेबाज किसी बीमारी, चोट और कोई ऐसी गंभीर परिस्थिति, जिसको दरकिनार नहीं किया जा सकता और वह खेलने में असमर्थ में होता है और पवेलियन लौट जाता है, उस स्थिति में बल्लेबाज को रिटायर्ड नॉट आउट कहा जाता है। नियम 25.4.3 के मुताबिक, अगर बल्लेबाज 25.4.2 में बताए गए कारण के अलावा किसी कारण से वापस पवेलियन लौट जाता है, उस स्थिति में सिर्फ विपक्षी कप्तान की अनुमति पर ही वह बैटर बल्लेबाजी के लिए वापस क्रीज पर आ सकता है। अगर विपक्षी टीम का कप्तान अनुमति नहीं देता है और उसकी बल्लेबाजी जारी नहीं रह सकती, तब उस बल्लेबाज को रिटायर्ड आउट माना जाता है। रिटायर्ड आउट और रिटायर्ड हर्ट में काफी अंतर है। रिटायर्ड आउट में बल्लेबाज वापस नहीं आ सकता, जबकि रिटायर्ड आउट में बल्लेबाज बाद में बल्लेबाजी के लिए वापस मैदान पर आ सकता है। रिटायर्ड आउट और रिटायर्ड नॉट आउट सिर्फ किसी टीम के पारी के अंत में ही हो सकता है। अब जानते हैं कि अश्विन क्यों रिटायर्ड आउट हुए... 67 रन पर राजस्थान ने चार विकेट गंवा दिए थे। तब जोस बटलर, संजू सैमसन, देवदत्त पडिक्कल और रसी वान डर डुसेन पवेलियन लौट चुके थे। इसके बाद राजस्थान के टीम मैनेजमेंट ने रविचंद्रन अश्विन को रियान पराग से ऊपर भेजा। राजस्थान का यह फैसला सही साबित हुआ। अश्विन ने शिमरोन हेटमायर के साथ मिलकर बेहतरीन बल्लेबाजी की और विकेट गिरने से रोका। बाद में अश्विन को लगा कि रियान पराग का आना बाकी है और वह उनसे ज्यादा बेहतर शॉट लगा सकते हैं, तो उन्होंने रिटायर्ड आउट होने का फैसला लिया। अश्विन ने हेटमायर के साथ 68 रन की साझेदारी निभाई। जिस वक्त अश्विन अंपायर और लखनऊ के कप्तान केएल राहुल को बिना बताए पवेलियन लौटे, तब राजस्थान का स्कोर 135 रन था। अश्विन 23 गेंदों पर 28 रन बनाकर रिटायर्ड आउट हुए। अपनी पारी में उन्होंने दो छक्के लगाए। इसके बाद रियान पराग मैदान पर आए। पराग ने शिमरोन हेटमायर के साथ मिलकर राजस्थान को 165 रन तक पहुंचाया। हेटमायर ने 36 गेंदों पर एक चौका और छह छक्के की मदद से 59 रन की नाबाद पारी खेली। नियमों का फायदा उठाने में माहिर हैं अश्विन अश्विन क्रिकेट के नियमों का फायदा उठाने के मामले में सुपरस्टार हैं। उन्होंने 2019 आईपीएल में 'मांकडिंग' के नियम का बेहतरीन इस्तमाल किया था। यह तब काफी विवादों में भी रहा था। अश्विन के उस फैसले को लेकर क्रिकेट जगत बंट गया था। कई खिलाड़ी अश्विन के पक्ष में थे और कई खिलाड़ी खेल भावना के तहत अश्विन का विरोध कर रहे थे। अब यह देखने वाली बात होगी रिटायर्ड आउट के उनके फैसले पर खेल जगत की क्या प्रतिक्रिया रहती है।