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रात में जाते हैं अस्पताल ताकि खिलाड़ियों को न चले पता 25 रेडिएशन थेरेपी करवा चुके हैं लुइस वैन नई दिल्ली। नीदरलैंड राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोच लुइस वैन गाल ने खुलासा किया है कि वह प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं और उपचार करवा रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद भी वह नवम्बर में होने वाले कतर विश्वकप के लिए टीम की अगुवाई करना चाहते हैं। 70 वर्षीय कोच ने कहा कि वह हर समय शाम को या रात में अस्पताल जाते हैं। इसके बारे में खिलाड़ियों का पता नहीं लगने दिया। वैन गाल की पत्नी का निधन भी कैंसर से हुआ था। एक कार्यक्रम में बताया कि उनके खिलाड़ियों को पता नहीं है कि उनके कोच गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इसलिए चार अभ्यास शिविर के दौरान अपना इलाज रात के समय करवाया। उन्होंने कहा कि आप जिन लोगों के साथ काम कर रहे हों, उन्हें ऐसी बीमारी के बारे में नहीं बता सकते क्योंकि इससे उनकी पसंद और उर्जा प्रभावित हो सकती है। इसलिए मुझे लगा कि उन्हें नहीं पता चलना चाहिए। उनके मुताबिक, वह अभी तक 25 रेडिएशन थेरेपी करवा चुके हैं। फुटबॉल कोचिंग के अपने चार दशक के करियर में लुइस ने 2014 विश्वकप फुटबॉल में नीदरलैंड टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। इसके अलावा बार्सिलोना, अजाक्स, बायर्न म्यूनिख और एजेड अल्कमार के साथ लीग खिताब भी जीते। वहीं 1995 में चैंपियंस लीग में डच से नेतृत्व भी किया। दो साल उन्होंने मैनचेस्टर युनाइटेड के साथ बिताए और 2016 में एफए कप के लिए क्लब को प्रेरित भी किया। इस साल फीफा विश्वकप में नीदरलैंड को ग्रुप ए में रखा गया है, जिसमें सेनेगल, इक्वाडोर और कतर टीम भी हैं। बार्सिलोना के साथ निराशाजनक कार्यकाल के बाद रोनाल्ड कोमैन विश्वकप के बाद एक बार फिर नीदरलैंड की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम से जुड़ेंगे। विश्वकप में नीदरलैंड की टीम लुई वैन गाल के मार्गदर्शन में उतरेगी लेकिन गाल पहले ही कह चुका है कि 18 दिसंबर को कतर में समाप्त होने वाले टूर्नामेंट के बाद वह टीम के साथ नहीं रहेंगे। इस कारण डच सॉकर महासंघ ने एक बार फिर कोमैन को टीम के साथ जोड़ने का फैसला किया है। कोमैन दो साल से भी कम समय पहले नीदरलैंड की राष्ट्रीय टीम को छोड़कर स्पेन के क्लब बार्सिलोना से जुड़े थे जहां उन्होंने खिलाड़ी के रूप में कई ट्रॉफियां जीती थी। लगातार खराब नतीजों के बाद कोमैन को अक्टूबर में बर्खास्त कर दिया गया। डच महासंघ के निदेशक मारियेन वान ल्युवेन ने कहा, ‘कोच के रूप में उनके पहले कार्यकाल के दौरान हम उनके काम और नतीजों को लेकर खुश थे।’