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ऑल इंग्लैंड क्लब रूसी और बेलारूसी खिलाड़ी पर लगा सकता है प्रतिबंध नई दिल्ली। प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विम्बलडन से रूस और बेलारूस के टेनिस खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर ली गई है। आयोजनकर्ता इस मुद्दे पर यूके सरकार से बातचीत कर रहे हैं। उन्हें डर है कि खिताब के प्रबल दावेदार और दुनिया के नंबर दो टेनिस खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव अगर यहां खिताब जीत जाते हैं तो यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को बल मिलेगा। नोवाक जोकोविच इस वक्त कोरोना टीकाकरण को लेकर विवादों में उलझे हैं और राफेल नडाल चोटिल हो चुके हैं। रोजर फेडरर भी लंबे समय से नहीं खेले हैं। ऐसे में बीते वर्ष अमेरिकी ओपन जीतने वाले मेदवेदेव विंबलडन में खिताब जीतने के बड़े दावेदार हैं। आयोजकों को लगता है अगर वह रूस के झंडे तले जीतते हैं तो पुतिन को बढ़ावा मिलेगा। इस समय एटीपी रैंकिंग में रूस के आंद्रे रुबलेव नंबर आठ, करेन खाचानोव 24, असलान करात्सेव 31 और बेलारूस के इल्या इवाश्का 42वें नंबर पर हैं। वहीं, बेलारूस की बड़ी सर्विस करने वाली आर्यन सबालेंका विम्बलडन के ग्रास कोर्ट पर खिताब जीतने का माद्दा रखती हैं। इसी देश की विक्टोरिया अजारेंका भी विंबलडन में खासा अच्छा करती रही हैं। हालांकि एटीपी, डब्लूटीए और आईटीएफ ने तटस्थ झंडे तले और बिना राष्ट्रगान के रूसी खिलाडिय़ों को टूर में खेलने की अनुमति प्रदान कर रखी है। वहीं विंबलडन के आयोजनकर्ता ऑल इंग्लैंड क्लब इस वजह से भी रूसी बेलारूसी खिलाडिय़ों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं क्योंकि उन्हें स्वतंत्र आयोजक होने के चलते किसी कानूनी झमेले में फंसने का खतरा नहीं है। ऑल इंग्लैंड क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। इस मुद्दे पर सरकार और लॉन टेनिस एसोसिएशन और टेनिस की अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लगातार चर्चा कर रहे हैं। एंट्री की तिथि खत्म होने के समय मई माह के मध्य में उनकी ओर से इस मुद्दे पर फैसला सुनाया जा सकता है। विंबलडन 27 जून से 10 जुलाई तक आयोजित होगा।