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अपने संघर्ष से हासिल की नायाब सफलता कोविड के दौरान अपने भाई के साथ बेचता था सब्जी खेलपथ संवाद मेरठ। केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फंड फार स्पोर्ट्स परसन के अंतर्गत मिली आर्थिक मदद से तीरंदाजी खेल में आगे बढ़े मेरठ के नीरज चौहान ने एशियन गेम्स, वर्ल्ड कप और वर्ल्ड गेम्स की भारतीय टीम में जगह बना ली है। भारतीय तीरंदाजी संघ की ओर से टॉप चार खिलाड़ियों के नाम जारी किए जाने के बाद सोमवार को स्पोर्ट्स अथॉरिटी आफ इंडिया ने नीरज के संघर्ष और सफलता की सूचना जारी की है। कोविड के दौरान खेलकूद बंद होने से नीरज अपने भाई राष्ट्रीय मुक्केबाज सुनील चौहान के साथ ठेले पर सब्जी बेचा करते थे। आर्थिक मदद मिलने के बाद नीरज खेल में आगे बढ़े और वर्तमान में आईटीबीपी में कार्यरत हैं वहीं, सुनील रांची में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जम्मू में 22 मार्च को हुई सीनियर नेशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता में नीरज ने रजत पदक जीता था। उस प्रतियोगिता में नीरज को 17वीं राष्ट्रीय रैंक मिली थी। सोनीपत स्थित साई काम्प्लेक्स में रविवार 17 मार्च को हुए एशियन गेम्स ट्रायल में सभी रैंकिंग तीरंदाजों को शामिल किया गया। इसमें भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए नीरज चौहान दूसरे स्थान पर रहे और एशियन गेम्स के लिए चयनित टॉप चार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में जगह बना ली। इसके साथ ही नीरज की राष्ट्रीय रैंक दो हो गई है। नीरज के पिता अक्षयलाल 20 वर्ष से अधिक समय से कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में स्पोर्ट्स हॉस्टल के खिलाड़ियों के लिए खाना बना रहे थे। यहीं पर पले-बढ़े नीरज ने 2013 में तीरंदाजी का प्रशिक्षण भी शुरू किया। वर्ष 2018 व 2021 में नीरज ने पुणे व देहरादून में आयोजित जूनियर नेशनल और सीनियर नेशनल में तीरंदाजी में रजत पदक जीते। कोविड के दौरान स्पोर्ट्स हास्टल बंद होने से पिता अक्षयलाल की नौकरी भी चली गई। खेल मंत्रालय से आर्थिक मदद मिलने के बाद नीरज ने तीरंदाजी उपकरण खरीदे और प्रशिक्षण व डायट पर ध्यान दिया। मार्च 2021 में खेल कोटे से आईटीबीपी में चयनित हुए और दो-तीन महीने की प्रशिक्षण के बाद साई के सोनीपत सेंटर में प्रशिक्षण लेने लगे। भाई सुनील भी रांची में बाक्सिंग प्रशिक्षण ले रहे हैं। आर्थिक मदद के बाद परिवार ने जमीन ली और पिता होटल संचालित कर रहे हैं।