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हिटमैन को बताया शानदार कप्तान मोहाली। श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर का बल्ला जमकर बोला। उन्होंने 3 मुकाबलों में 204 रन बनाए। तीनों मैच में अय्यर ने अर्धशतक भी जड़ा। वो प्लेयर ऑफ द सीरीज भी रहे। अब श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू दिया है। अय्यर कहते हैं कि टी-20 में डॉट गेंद खेलना जुर्म है। अय्यर ने टीम इंडिया को ताकतवर बताते हुए कहा कि टीम इंडिया में एक तरह का पागलपन है। जो खिलाड़ी बेंच पर बैठे होते हैं वो प्लेइंग इलेवन में खेल रहे खिलाड़ियों की तरह ही टैलेंटेड होते हैं। बेंच पर बैठे खिलाड़ियों में भी किसी भी हालात में अच्छा प्रदर्शन करने का दम होता है। टी-20 क्रिकेट में हर गेंद पर आपको रन बनाने के बारे में सोचना होता है। मुझे लगता है कि बतौर बल्लेबाज अगर आप डॉट गेंद खेलते हैं तो वो एक जुर्म है। डॉट गेंद बल्लेबाज पर दबाव डालती है। वेस्टइंडीज की टीम को अगर आप देखें तो वो पहली गेंद से ही रन बनाने की ताक में रहते हैं। टी-20 क्रिकेट में आपको एक अच्छा स्कोर बनाना जरूरी है। अय्यर ने रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा, 'रोहित शर्मा बतौर कप्तान शानदार हैं। वो एक खिलाड़ी के हिसाब से सोचते हैं। वो हर खिलाड़ी को समझते हैं और जानते हैं कि कोच और सपोर्ट स्टाफ से उन्हें क्या चाहिए। मैं घरेलू क्रिकेट से ही रोहित शर्मा को जानता हूं और उनकी क्या सोच है ये भी मुझे पता है। टीम का माहौल बिल्कुल शानदार है।' श्रेयस अय्यर ने इंटरव्यू में आगे कहा कि चोट के बाद प्रवीण आमरे ने उनकी काफी मदद की है। उनके कारण ही वो टीम में जल्दी वापसी कर पाए। स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच रजनीकांत ने भी अय्यर की वापसी में बड़ा योगदान निभाया। श्रेयस ने कहा, 'वो बेस्ट ट्रेनर हैं। रजनीकांत जानते हैं कि मुझे किस तरह की ट्रेनिंग चाहिए। तीनों फॉर्मेट खेलने के लिए एक एथलीट को क्या चाहिए रजनीकांत वो जानते हैं। उन्होंने चोट के बाद मेरी दमदार वापसी कराने में मदद की है। एनसीए में भी मुझे काफी मदद मिली। श्रेयस अय्यर के अनुसार भारतीय टीम मैनेजमेंट हर बल्लेबाज को किसी भी पोजीशन में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना चाहता है। अय्यर ने कहा, 'न्यूजीलैंड दौरे पर मुझे मेरा रोल अच्छी तरह पता था। मैं किस नंबर पर खेलूंगा ये भी जानता था। अभी टीम में आपको किसी भी रोल में डाला जा सकता है और उस मौके पर खुद को साबित करना जरूरी है। यही टीम इंडिया की सोच है।