News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
खिलाड़ियों के बोलने पर पाबंदी को बताया मानवाधिकारों का उल्लंघन नई दिल्ली। चीन की राजधानी बीजिंग में अगले महीने शीतकालीन ओलम्पिक का आयोजन होने जा रहा है। इसके लिए चीन में काफी तेजी से तैयारियां चल रही हैं। लेकिन इस बीच चीन द्वारा एथलीट्स के लिए बनाए जा रहे नियमों को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बीजिंग के अधिकारियों की तरफ से हाल ही में फ्री स्पीच को लेकर विवादित बयान दिया गया। इसमें खिलाड़ियों को धमकी देते हुए कहा गया कि अगर किसी भी खिलाड़ी का व्यवहार या भाषण चीनी कानूनों और विनियमों के खिलाफ हुआ तो वह सजा का पात्र होगा। बीजिंग की इस टिप्पणी पर ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है। एचआरडब्ल्यू की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "हजारों ओलम्पिक एथलीटों के लिए बीजिंग समिति की धमकी मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है। यह अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के नियम 50।2 के तहत मिला अधिकार है, जो एथलीटों को सीमित तरीके से 'अपने विचार व्यक्त' करने और ओलम्पिक मूल्यों का सम्मान करने की अनुमति देता है। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति ने कहा कि ये खेल "मानवता का जश्न मनाते हैं" लेकिन खेलों के लिए एथलीटों के देश में आने से पहले बीजिंग की चेतावनी उन्हें उनके मूल अधिकारों से वंचित करके अमानवीयता का जश्न मनाने की देश की मंशा की ओर इशारा करती है। बीजिंग आयोजन समिति के उप महानिदेशक यांग शू ने 18 जनवरी को सभी एथलीटों को ओलंपिक में बोलने के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, "कोई भी व्यवहार या भाषण जो ओलंपिक भावना के खिलाफ है; विशेष रूप से चीनी कानूनों और विनियमों के खिलाफ, वह भी सजा के अधीन है।" एचआरडब्ल्यू ने आगे कहा कि ये खेल हमेशा की तरह नहीं हैं क्योंकि ये चीनी सरकार द्वारा उइगर, हांगकांग और तिब्बत में किए जा रहे अपराधों और दमन की छत्रछाया में आयोजित किए जा रहे हैं। शीतकालीन ओलम्पिक में भाग लेने के लिए चीन आने वाले एथलीटों को वैक्सीन लगवाना आवश्यक होगी या उन्हें लम्बे समय (21 दिन) तक क्वारंटीन रहना होगा। चार फरवरी से शुरू होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक के दौरान खिलाड़ियों, अधिकारियों और यहां आने आने वाले हर किसी को रोज कोरोना वायरस जांच से गुजरना होगा। खिलाड़ियों के प्रतिस्पर्धा या प्रशिक्षण के अलावा हमेशा मास्क का इस्तेमाल करना होगा। इस दौरान टीम के साथियों की हौसला अफजाई के लिए ताली बजने की छूट होगी लेकिन जोर से बोलकर या चिल्ला कर ऐसा करने की मनाही होगी। कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आने वाले को क्वारंटीन में भेज दिया जाएगा और बीमारी से उबरने के बाद मंजूरी मिलने तक वह प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ होगा। कोरोना वायरस रोधी टीका लेने वाले एथलीटों, टीम के कर्मचारियों और समाचार मीडिया सहित अन्य प्रतिभागियों को 21 दिनों के क्वारंटीन पर नहीं जाना होगा। पूर्ण टीकाकरण वाले प्रतिभागी ओलिंपिक गांव, खेल स्थल, अन्य चुनिंदा स्थान और समर्पित परिवहन का इस्तेमाल कर पायेगे। चीन के लिए अपनी उड़ानों में सवार होने से पहले सभी को अनुमोदित प्रयोगशालाओं से हाल के कोविड-19 जांच की दो नेगेटिव रिपोर्ट भी देनी होगी। चीन पहुंचने के बाद सभी के शरीर का तापमान मापा जाएगा और जांच के लिए उनके नमूने लिए जाएंगे। जांच का नतीजा लगभग छह घंटे में आएगा। इस दौरान सभी को एक अलग जगह पर रुकना होगा। जांच नतीजे के नेगेटिव आने के बाद उन्हें खेल गांव स्थित उनके कमरों में ले जाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख का शिनजियांग में स्वागत, लेकिन जांच के लिए नहीं चीन ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट का शीतकालीन ओलम्पिक के बाद विवादित शिनजियांग क्षेत्र की यात्रा का स्वागत है, लेकिन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, न कि अपराध की धारणा पर आधारित जांच के लिए। शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के गम्भीर आरोप चीन के खिलाफ लगाए जाते रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि यात्रा के लिए आमंत्रण बहुत पहले ही भेजा जा चुका है तथा दोनों पक्ष लगातार पत्राचार जारी रखे हुए हैं।