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नयी दिल्ली। भारत के सबसे बड़े व्यवसाय समूह में से एक टाटा समूह इस साल से चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो की जगह आईपीएल का प्रायोजक होगा । आईपीएल की संचालन परिषद ने मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया। आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया,‘हां , टाटा समूह अब आईपीएल का प्रायोजक होगा।' करार की राशि की अब तक जानकारी नहीं मिली और टाटा समूह के प्रवक्ता ने ‘हां' बोलकर प्रायोजन की पुष्टि की लेकिन इससे आगे जानकारी देने से इनकार कर दिया। वीवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल के प्रायोजन अधिकार 2200 करोड़ रूपये में खरीदे थे लेकिन गलवान घाटी में 2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बाद वीवो ने एक साल का ब्रेक लिया था । उसकी जगह ड्रीम 11 प्रायोजक था। वीवो 2021 में फिर प्रायोजक बना हालांकि अटकलें लगाई जा रही थी कि वे उचित बोली लगाने वाले को अधिकार का हस्तांतरण करना चाहते हैं और बीसीसीआई ने इसका समर्थन किया। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘‘आज नहीं तो कल ऐसा होना ही था क्योंकि इससे लीग और कंपनी दोनों का बुरा प्रचार हो रहा था। चीन के उत्पादों को लेकर नकारात्मक भावना को देखते हुए कंपनी को करार पूरा होने से एक सत्र पहले प्रायोजन से हटना पड़ा।'' बीसीसीआई को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि अब भी उसे 440 करोड़ रुपये की वार्षिक प्रायोजन राशि मिलना तय है जिसका भुगतान अब नया प्रायोजक करेगा। बीसीसीआई प्रायोजन से मिलने वाली राशि का 50 प्रतिशत अपने पास रखता है और बाकी राशि आईपीएल फ्रेंचाइजी के बीच बांटता है जिनकी संख्या दो नई टीम के इस साल से जुड़ने के बाद अब 10 हो गई है। माना जा रहा है कि अभी यह करार सिर्फ एक साल का है क्योंकि बीसीसीआई को 2023 से शुरू हो रहे अगले चक्र के लिए नई निविदा आमंत्रित करनी होगी।