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ऑस्ट्रेलियाई ओपन खेलने के लिये कानूनी लड़ाई जीती मेलबर्न। टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच कोरोना का टीका नहीं लगवाने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भाग लेने के लिये कानूनी लड़ाई जीत गए हैं। हालांकि सरकार ने उनका वीजा दूसरी बार रद्द करने की धमकी दी है। फेडरल सर्किट कोर्ट के जज एंथोनी केली ने जोकोविच का वीजा बहाल कर दिया। जज ने सरकार को यह भी आदेश दिया कि फैसले के 30 मिनट के भीतर जोकोविच को मेलबर्न के पृथकवास होटल से बाहर किया जाये। सरकारी वकील क्रिस्टोफर ट्रान ने जज को बताया कि आव्रजन, नागरिकता, आप्रवास सेवा और बहुसांस्कृतिक विभाग के मंत्री एलेक्स हॉके तय करेंगे कि वीजा रद्द करने के लिये उन्हें निजी अधिकार का इस्तेमाल करना है या नहीं। इसके मायने हैं कि जोकोविच को फिर निर्वासन झेलना पड़ सकता है और वह 17 जनवरी से शुरू हो रहे ऑस्ट्रेलियाई ओपन से बाहर हो सकते हैं। केली ने कहा,‘अगर वीजा रद्द करने के अधिकार का प्रयोग करके इस व्यक्ति को देश से निकाला जाता है तो वह तीन साल तक ऑस्ट्रेलिया नहीं आ सकेगा।' पिछले महीने हुए थे संक्रमण का शिकार ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने बुधवार को मेलबर्न पहुंचते ही जोकोविच का वीजा रद्द कर दिया था क्योंकि कोरोना टीकाकरण नियमों में मेडिकल छूट पाने के मानदंडों पर वह खरे नहीं उतरते थे। जोकोविच ने कहा कि उन्हें टीकाकरण का सबूत देने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि उनके पास सबूत है कि वह पिछले महीने कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे। अदालत में पेश जोकोविच के दस्तावेजों में कहा गया कि उन्होंने टीका नहीं लगवाया है। ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सा विभाग ने छह महीने के भीतर कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों को टीकाकरण में अस्थायी छूट दे रखी है। हैक हो गया कोर्ट लिंक जज केली ने पाया कि जोकोविच ने मेलबर्न हवाई अड्डे पर अधिकारियों को टेनिस आस्ट्रेलिया द्वारा उन्हें दी गई मेडिकल छूट के दस्तावेज सौंपे थे। मामले की वर्चुअल सुनवाई कई बार बाधित हुई, क्योंकि दुनिया भर से हजारों लोग इसे देखने की कोशिश में लगे हुए थे। एक समय पर तो कोर्ट लिंक हैक हो गया था। जोकोविच 20 बार ग्रैंडस्लैम जीत चुके हैं और एक खिताब जीतकर वह रोजर फेडरर तथा राफेल नडाल से आगे निकल जायेंगे । आस्ट्रेलिया ओपन उन्होंने 9 बार जीता है।