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सचिन ने बाउंस के खिलाफ आजमाया अपर कट का ब्रह्मास्त्र सहवाग तो डेब्यू मैच में ही छा गए थे नई दिल्ली। 26 दिसंबर से भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है। ये सीरीज भारतीय टीम के लिए काफी अहम है। 29 सालों से भारतीय टीम यहां एक बार भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है। हालांकि, कई बार भारतीय बल्लेबाजों ने ऐसी कमाल की पारियां खेली हैं जिसके सामने साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों के पसीने छूट गए थे। आइए वैसी ही पांच कमाल की पारियों के बारे में जानते हैं जब अफ्रीकी गेंदबाज भारत के बल्लेबाजों के सामने नतमस्तक हो गए। जब-जब साउथ अफ्रीका में भारतीय बल्लेबाजों की सर्वश्रेष्ठ पारियों की चर्चा की जाएगी, तब-तब सचिन की इस पारी का जिक्र जरूर होगा। मास्टर ब्लास्टर ने सा. अफ्रीका के खिलाफ साल 2001 के दौरे पर ब्लोमफोंटेन में खेले गए पहले टेस्ट की पहली पारी में शानदार 155 रनों की पारी खेली थी। यह पारी इसलिए भी खास थी, क्योंकि इसी पारी में तेंदुलकर ने पहली बार अपर कट लगाया था। एक इंटरव्यू के दौरान सचिन ने इस मैच में लगाए अपर कट के बारे में बात करते हुए कहा था- यह दक्षिण अफ्रीका में 2002 में हुआ। हम ब्लोमफोंटेन में टेस्ट मैच खेल रहे थे। हम पहले बल्लेबाजी कर रहे थे और मखया एंटिनी ऑफ स्टम्प के पास उसी शॉर्ट ऑफ लैंग्थ पर गेंदबाजी कर रहे थे जो वह आमतौर पर करते हैं। वह बहुत कम लैंग्थ डिलेवरी डालते हैं। चूंकि वह क्रीज के बाहरी कोने से गेंदबाजी करने आ रहे थे तो मैं लाइन के बारे में अंदाजा लगा सकता था। सा. अफ्रीका की पिचों पर ज्यादा उछाल होती है। इस तरह की बाउंसरों से निपटने का तरीका यही होता है कि आप गेंद के ऊपर जाएं और अगर गेंद फिर भी आपकी लंबाई से ज्यादा उछाल लेती है तो क्यों न उसके नीचे रहकर भी आक्रामक हुआ जाए। मैंने यही सोचा कि गेंद पर ऊपर चढ़ने और उसे जमीन पर रखते हुए मारने के बजाए उसके नीचे आकर, गेंद की तेजी का इस्तेमाल करते हुए उसे थर्डमैन बाउंड्री की तरफ खेला जाए। बता दें कि तेंदुलकर ने 2003 के वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ शोएब अख्तर की गेंद पर भी ऐसा ही अपर कट शॉट लगाया था। कहना गलत नहीं होगा कि उनके अपर कट की शुरुआत इसी टेस्ट मैच से हो गई थी। वर्ल्ड कप के मैच में सचिन ने पाकिस्तान के खिलाफ यादगार अपर कट लगाया था और अख्तर को लगाया उनका वो छक्का क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद किया जाता है। भारतीय टीम ने अपना पहला अफ्रीकी दौरा साल 1992/93 में किया था। उस समय 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया था। दूसरी पारी में एक समय टीम इंडिया का स्कोर 27 रन पर 5 विकेट था और कपिल देव ने नाजुक हालातों में 7वें नंबर पर बैटिंग करते हुए 180 गेंदों पर 129 रनों की शानदार पारी खेली थी। अपनी पारी में उन्होंने 14 चौके और 1 छक्का लगाया था। उनके शतक की बदौलत भारतीय टीम 215 रन स्कोर बोर्ड पर लगाए थे। हालांकि, भारत ये मुकाबला 9 विकेट से हार गया था। टीम इंडिया से सीरीज 1-0 से हार गई थी। साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर भारत के लिए पहला टेस्ट शतक प्रवीण आमरे ने लगाया था। 1992-93 में टीम इंडिया साउथ अफ्रीका में पहली बार खेलने गई थी। डरबन में खेले गए टेस्ट में साउथ अफ्रीका 254 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। जब भारतीय टीम बल्लेबाजी करने आई तो 38 रन पर ही टीम के 4 विकेट गिर गए। इसके बाद प्रवीण आमरे ने कमाल की पारी खेली। उन्होंने 299 गेंदों का सामना किया और 103 रन बनाए। ये अफ्रीकी जमीन पर किसी भी भारतीय बल्लेबाज का पहला शतक था। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 11 चौके जड़े थे। उनकी पारी की बदौलत ही टीम इंडिया पहली पारी में 277 रन का स्कोर बना पाई। ये टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। क्रिकेट में भगवान के रूप से जाने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने साल 1996/97 के साउथ अफ्रीका दौरे पर बहुत ही शानदार पारी खेली। सचिन ने केपटाउन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 169 रन बनाए थे। सचिन ने शतक तब लगाया था, जब भारत का स्कोर 58/5 था। मास्टर ब्लास्टर ने कमाल की पारी न सिर्फ टीम इंडिया को संकट से निकाला बल्कि अफ्रीकी गेंदबाजों के पसीने भी छुड़ा दिए। सचिन ने मोहम्मद अजहरुद्दीन (115 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 222 रन भी जोड़े थे। भारत ने पहली पारी में 359 रन बनाए थे। इस मैच में सा. अफ्रीका ने भारत के सामने 427 रनों का टारगेट रखा था, लेकिन टीम 144 के स्कोर पर ढेर हो गई थी। साउथ अफ्रीका ने ये मुकाबला 282 रनों से जीता था। सचिन तेंदुलकर इस मैच में भारत के कप्तान थे। 1999 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले वीरेंद्र सहवाग को साल 2001 में भारत के लिए सफेद जर्सी पहनने का मौका मिला था। उन्होंने SA के खिलाफ ब्लोमफोंटेन के मैदान पर टेस्ट डेब्यू किया था और पहली पारी में छठे नंबर पर बैटिंग करते हुए शतकीय पारी खेली थी। सहवाग ने 173 गेंदों का सामना करते हुए 105 रन बनाए थे। सहवाग ने अपने 12 साल के टेस्ट करियर में कुल 23 शतक जड़े, जिसकी शुरुआत ब्लोमफोंटेन से हुई थी। इस मैच में भारत ने 68 के स्कोर पर सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों का विकेट खो दिया था। सहवाग ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 220 रन जोड़े और टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया। सहवाग शॉन पॉलक की गेंद पर बोल्ड होकर पवेलियन लौटे थे। हालांकि, तब तक भारत का स्कोर 350 के पार पहुंच चुका था। भारत ये मैच 9 विकेट से हार जरूर गया था, लेकिन इस मैच को भारत को दो बेहतरीन बल्लेबाजों की शतकीय पारियों के लिए हमेशा याद किया जाता है।